Ambedkar Quotes in Hindi & English | अंबेडकर जयंती विशेष” ‎

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जब भी भारत के महान नेताओं की बात होती है, तो डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम सम्मान और गर्व के साथ लिया जाता है। वह सिर्फ एक समाज सुधारक या संविधान निर्माता ही नहीं थे, बल्कि एक विचारधारा थे—एक ऐसा सपना, जो उन्होंने न केवल देखा बल्कि जीकर दिखाया।

संघर्षों से भरा जीवन

डॉ. अंबेडकर का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। जातिगत भेदभाव, सामाजिक तिरस्कार और गरीबी के बीच उन्होंने शिक्षा को अपना हथियार बनाया। जहाँ लोग हार मान लेते हैं, वहाँ उन्होंने डटकर मुकाबला किया। उन्होंने 32 डिग्रियाँ हासिल कीं—यह अपने आप में एक इतिहास है।

डिप्रेशन से निकलकर दिशा तय की

कई बार जीवन में हालात इतने कठिन हो जाते हैं कि मनुष्य टूटने लगता है। डॉ. अंबेडकर ने भी ऐसे कठिन दौर देखे, लेकिन उन्होंने उस अंधेरे को अपनी प्रेरणा बना लिया। उन्होंने अपने आत्मबल से खुद को खड़ा किया और न केवल खुद के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए लड़ाई लड़ी।

संविधान निर्माण में उनकी भूमिका 

डॉ. अंबेडकर को भारत के संविधान का निर्माता कहा जाता है। भले ही उन्होंने इसे अकेले नहीं लिखा हो, लेकिन अगर वह न होते तो हमारा संविधान इतना मजबूत और संतुलित न होता। उन्होंने हर वर्ग, हर व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की। अगर उनका नेतृत्व नहीं होता, तो शायद आज भारत भी उन देशों की तरह होता जहाँ संविधान को बार-बार बदलना पड़ता।

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Dr. B.R. Ambedkar Quotes in Hindi & English | अंबेडकर जयंती विशेष”
 
डॉ. अंबेडकर के प्रेरणादायक विचार
14 अप्रैलको हम भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाते हैं, जिन्होंने भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा के रूप में देश के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। उनके विचार आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

1-30: संविधान, समानता और स्वतंत्रता 
   पर विचार

1. "संविधान सिर्फ वकीलों का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का एक मार्गदर्शक है।" 
2. "जो स्वतंत्रता नहीं देता, वो न्याय नहीं कर सकता।"
3. "हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।"  
4. "संविधान केवल कागज पर नहीं, व्यवहार में भी समानता लाए।" 
5. "स्वतंत्रता का मूल्य तब समझ आता है जब वह छीन ली जाती है।" 
6. "संविधान जितना अच्छा या बुरा होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसे लागू करने वाले लोग कैसे हैं।" 
7. "कानून और नैतिकता के बिना स्वतंत्रता, अराजकता में बदल जाती है।" 
8. "शिक्षा वो हथियार है जिससे समाज बदला जा सकता है।"
9. "जिस समाज में समानता नहीं, वहां स्वतंत्रता एक धोखा है।"
10. "एक महान व्यक्ति केवल अपने विचारों से महान बनता है।"

31. "शिक्षित बनो, संगठित रहो और 
   संघर्ष करो।"
32. "अज्ञानता सबसे बड़ा अभिशाप है।" 
33. "जो समाज अपने बच्चों को शिक्षित नहीं करता, वह स्वयं अपनी जड़ों को काटता है।" 
34. "हमें अपने संघर्ष को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।" 
35. "सशक्त समाज ही स्वतंत्र समाज हो सकता है।" 
36. "ज्ञान ही शक्ति है, और शिक्षा उसका स्रोत।"
37. "जो व्यक्ति आत्मसम्मान खो देता है, वह सब कुछ हार जाता है।" 
38. "दासता में जीना, जीने की कला नहीं है।" 
39. "स्वाभिमान के बिना जीवन अधूरा है।"  
40. "संघर्ष जितना बड़ा होगा, सफलता उतनी ही महान होगी।"


61-90+: सामाजिक न्याय, धर्म और मानवता

61. "मैं उस धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए।" 
62. "धर्म का उद्देश्य मानवता की सेवा होना चाहिए।" 
63. "अंधविश्वास समाज को पीछे धकेलता है।" 
64. "अगर आप अन्याय को सहते हैं, तो आप उसका समर्थन करते हैं।"
65. "जो धर्म दूसरों को नीचा दिखाए, वह धर्म नहीं, एक पाखंड है।"
66. "मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं।"  
67. "दलित होना अभिशाप नहीं, परिवर्तन का प्रतीक है।" 
68. "बिना क्रांति के कोई बदलाव नहीं आता।"
69. "हर व्यक्ति को समाज में सम्मान मिलना चाहिए।"
70. "समान अवसरों के बिना समानता सिर्फ एक सपना है।"

91-100: अंतिम प्रेरक विचार

91. "मैं ऐसे धर्म को नहीं मानता जो मनुष्य को मनुष्य से अलग करे।"
92. "जो झुककर जीते हैं, वे कभी ऊँचाई नहीं छू सकते।"
93. "अपने अधिकारों के लिए लड़ना कोई अपराध नहीं।"*
94. "कर्म ही सच्चा धर्म है।" 
95. "जिस दिन आपके विचार बदलेंगे, उसी दिन आपकी दुनिया बदलेगी।" 
96. "दया की जगह न्याय को महत्व दो।"  
97. "समाज को सुधारना है, तो सोच बदलनी होगी।" 
98. "क्रांति केवल तलवार से नहीं, विचारों से आती है।"
99. "अपने भीतर की आग को बुझने मत दो।

100. "अंत में, हम वही बनते हैं, जो हम सोचते हैं।"


समापन विचार:

डॉ. अंबेडकर केवल एक नेता नहीं थे, वे एक विचारधारा थे। उनके विचार आज भी युवाओं के लिए प्रकाशपुंज हैं। इस अंबेडकर जयंती पर, आइए उनके विचारों को आत्मसात करें और समाज में समानता, शिक्षा और न्याय की ज्योति जलाएं।












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