territorial army



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प्रस्तावना:

देशभक्ति सिर्फ़ युद्ध के मैदान में लड़ने से नहीं होती, बल्कि अपने देश के लिए हर परिस्थिति में खड़े रहने से होती है। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे संगठन की, जो आम नागरिकों को भी सेना में सेवा देने का अवसर देता है — Territorial Army। यह सिर्फ़ एक फ़ोर्स नहीं, बल्कि एक भावना है, एक ज़िम्मेदारी है, और एक प्रेरणा है हर उस भारतीय के लिए जो देश के लिए कुछ करना चाहता है।

Territorial Army क्या है?

Territorial Army (TA) भारतीय सेना की एक सहायक इकाई (Auxiliary Force) है जो सामान्य नागरिकों को पार्ट-टाइम सैनिक बनने का मौका देती है। इसका उद्देश्य है – “सेना को ज़रूरत पड़ने पर प्रशिक्षित और तैयार नागरिकों की मदद देना।”

इसका गठन 1949 में हुआ था, और तब से अब तक Territorial Army ने कई संकटों में देश की सेवा की है — फिर वो युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा, या फिर आतंरिक संकट।

एक प्रेरणादायक कहानी – "एक आम आदमी से सैनिक बनने तक"

नाम: राहुल वर्मा
स्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश

राहुल वर्मा एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे। सुबह 9 से शाम 6 की नौकरी, परिवार और निजी जीवन – सब कुछ सामान्य था। पर बचपन से ही उन्हें वर्दी पहनने का सपना था। पर जिम्मेदारियों के चलते वो भारतीय सेना में भर्ती नहीं हो पाए।

एक दिन उन्होंने Territorial Army के बारे में एक अखबार में पढ़ा – “नौकरी भी, देशसेवा भी।” यह वाक्य उनके दिल को छू गया। उन्होंने जानकारी जुटाई, परीक्षा दी, इंटरव्यू क्लियर किया, और एक दिन Territorial Army के जवान बन गए।

अब वो हर साल कुछ महीने भारतीय सेना के साथ ट्रेनिंग करते हैं और ज़रूरत पड़ने पर मोर्चे पर भी तैनात रहते हैं। आज वो न सिर्फ़ एक कामयाब प्रोफेशनल हैं, बल्कि एक गर्वित सैनिक भी हैं

Territorial Army में भर्ती कैसे हों?

Territorial Army में शामिल होने के लिए कुछ मुख्य योग्यताएं और प्रक्रिया होती है:

उम्र: 18 से 42 वर्ष

शैक्षणिक योग्यता: ग्रेजुएट
नौकरी: उम्मीदवार किसी कंपनी या व्यवसाय में कार्यरत होना चाहिए

चयन प्रक्रिया:

लिखित परीक्षा
इंटरव्यू (SSB)
मेडिकल टेस्ट
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Territorial Army के फायदे:

देश सेवा का अवसर: बिना अपनी वर्तमान नौकरी छोड़े भी देश की सेवा का अवसर मिलता है।

प्रशिक्षण: भारतीय सेना के साथ ट्रेनिंग का अनुभव मिलता है।
सम्मान: समाज में एक विशेष पहचान और सम्मान मिलता है।
वेतन और भत्ते: सेवा के समय पूर्ण सैनिक की तरह वेतन और भत्ते मिलते हैं।
विषय Territorial Army Regular Army
सेवा का प्रकार पार्ट-टाइम फुल-टाइम
चयन नौकरी में लगे नागरिक सीधे सेना में भर्ती
ड्यूटी ज़रूरत पर बुलाया जाता है हमेशा ड्यूटी पर
वेतन ड्यूटी के दौरान ही नियमित वेतन
 

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निष्कर्ष:

Territorial Army उन सभी भारतीयों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो देशभक्ति से भरे हैं पर अपने पेशेवर जीवन को छोड़ना नहीं चाहते। यह एक अनोखा संगम है – एक आम नागरिक और एक सैनिक का। अगर आपके अंदर भी देश के लिए कुछ करने की आग है, तो Territorial Army आपका इंतज़ार कर रही है।


"वो आम नहीं, खास होते हैं, जो Territorial Army का हिस्सा बनते हैं।"


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टेरिटोरियल आर्मी (TA): नागरिकों की फौज की 10 अहम बातें

भारत की रक्षा प्रणाली में एक अनोखा आयाम है – टेरिटोरियल आर्मी, जिसे 'सिटिज़न आर्मी' यानी 'नागरिकों की फौज' कहा जाता है। ये सेना उन लोगों के लिए है जो अपने सामान्य जीवन के साथ-साथ देश की सेवा भी करना चाहते हैं। आइए जानते हैं टेरिटोरियल आर्मी से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें जो हर भारतीय को जाननी चाहिए।

1. टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना और इतिहास

टेरिटोरियल आर्मी की शुरुआत 9 अक्टूबर 1949 को भारत के पहले गवर्नर जनरल श्री सी. राजगोपालाचारी द्वारा की गई थी। इस दिन को हर साल ‘TA डे’ के रूप में मनाया जाता है। पहली बार ‘TA सप्ताह’ 8 से 15 नवंबर 1952 तक मनाया गया था।

2. सेना में भूमिका

आज के समय में टेरिटोरियल आर्मी नियमित सेना का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। जब देश को खतरा होता है या युद्ध की स्थिति होती है, तब TA की यूनिट्स को नियमित सेना के साथ तैनात किया जाता है।

3. सेना को स्थिर कार्यों से राहत

TA की एक बड़ी भूमिका यह भी है कि यह नियमित सेना को स्थैतिक या गैर-सक्रिय ड्यूटीज़ से राहत देती है, जिससे वे ऑपरेशनल क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दे सकें।

4. आपातकाल में नागरिक प्रशासन को सहायता

TA प्राकृतिक आपदाओं, राष्ट्रीय आपातकाल, और जरूरी सेवाओं के रख-रखाव में भी नागरिक प्रशासन की मदद करती है।

5. TA की वर्तमान संरचना

वर्तमान में TA में 32 इंफैंट्री बटालियन हैं, जिनमें से 14 बटालियन यानी लगभग 14,000 सैनिक विभिन्न सैन्य कमानों जैसे साउदर्न, ईस्टर्न, वेस्टर्न, सेंट्रल, नॉर्दर्न, साउथ-वेस्टर्न, अंडमान और निकोबार, और आर्मी ट्रेनिंग कमांड के अधीन कार्यरत हैं।

6. इतिहास में भूमिका

TA यूनिट्स ने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में हिस्सा लिया। इसके अलावा, ऑपरेशन पवन (श्रीलंका), ऑपरेशन रक्षक (पंजाब और जम्मू-कश्मीर), ऑपरेशन राइनो और ऑपरेशन बजरंग (पूर्वोत्तर भारत) में भी ‘टेरियर्स’ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

7. इकोलॉजिकल बटालियंस

TA में 10 इकोलॉजिकल बटालियंस हैं, जिन्हें राज्य सरकारों द्वारा प्रायोजित किया गया है। ये बटालियन वनीकरण, पर्यावरण संरक्षण और आपदा न्यूनीकरण में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

8. तेल, गैस और रेलवे जैसे विभागीय TA रेजीमेंट्स

1980 के असम आंदोलन के दौरान तेल उत्पादन में भारी घाटा हुआ, जिससे यह महसूस किया गया कि आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए विशेष TA रेजीमेंट्स की आवश्यकता है। इसके परिणामस्वरूप तेल और रेलवे जैसे क्षेत्रों के लिए विभागीय TA यूनिट्स गठित की गईं।

9. नागरिकों के लिए सुनहरा मौका

TA में अधिकारी बनने के लिए कोई भी भारतीय नागरिक आवेदन कर सकता है। इसके लिए उम्मीदवार की उम्र 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए, वह किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक हो, मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हो तथा किसी रोजगार में हो।

10. दोहरी भूमिका – नागरिक और सैनिक

TA का सबसे अनूठा पहलू यही है – यह आपको दोहरी पहचान देता है। एक तरफ आप अपने पेशेवर जीवन में नागरिक बने रहते हैं, वहीं जरूरत पड़ने पर एक प्रशिक्षित सैनिक के रूप में देश सेवा में भी उतरते हैं।






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